मुख्य टू बेघार हुन सुहाग (1 9 7 9) के गीत आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए हैं, यह लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है और आशा भोसले द्वारा गाया गया है।
सुहाग (Suhaag )
मैं तो बेघर हूँ (Main To Beghar Hoon ) की लिरिक्स (Lyrics Of Main To Beghar Hoon )
क्या तुमको सुनाऊं मैं अपना फ़साना हाय क्या तुमको सुनाऊं मैं अपना फ़साना न कोई मेरा घर है
दफ्तर में छुट्टी हो तो मत होना ग़म से बोझल दफ्तर में छुट्टी हो तो मत होना ग़म से बोझल रुक जाना रास्ते में जब भी आये कोई होटल
होटल! क्या? तुम्हारा दिमाग खराब तो नहीं हो गया? होटल नहीं हो तो पिक्चर ले चलो मैं तो बेघर हूँ अपने घर ले चलो घर में हो मुश्किल तो दफ्तर ले चलो मैं तो बेघर ह
पिक्चर में बदनामी हो तो बैठो मोटर कार में पिक्चर में बदनामी हो तो बैठो मोटर कार में सैर करेनेगे सड़कों पे जैसे दो प्रेमी प्यार में
अरे रे रे क्या कर रही हो? लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे? तुम मुझसे कर लो शादी और मंदिर ले चलो मैं तो बेघर हूँ अपने घर ले चलो घर में हो मुश्किल तो दफ्तर ले चल
ऐसा लगता है शायद मेरा ठिकाना आ गया ऐसा लगता है के मेरा ठिकाना आ गया न घर आया