मट मारी फिल्म आर ... राजकुमार से एक चिढ़ा हुआ गीत है। कुणाल गंजवाला और सुनिधि चौहान ने इसे गाया है। इसकी संगीत रचना प्रीतम चक्रवर्ती द्वारा बनाई गई है और मट मैरी गीत अनुपम अमोड द्वारा लिखे गए हैं।
र... राजकुमार (R... Rajkumar )
मत मारी (Mat Maari ) र राजकुमार की लिरिक्स (Lyrics Of Mat Maari )
ए कुत्ते.. इडियट... है तेरी तो.. एक चांटा मार के न तेरा मुँह सूजा दूँगी मैं
चोर
चोर हूँ मैं
हरकतें हैं गुण्डों वाली बातों से मैं हूँ मवाली लफंगा पुकारे या गुंडा मवाली मुझे तेरी गाली भी लगती है ताली
शुतुप.. ओके यु शुतुप हु.. लफंगा पुकारे या गुंडा मवाली मुझे तेरी गाली भी लगती है ताली हो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी मत मारी अरे मार् जाके कहीं हाय.. ो.. माँ
दिए जा भले दुनिया भर के उदाहरण तू खुद जानती है के तेरे ही कारण ो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी मत मारी ो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी मत मारी तू बाज़ नहीं आ
अरे तुझ जैसे सत्रह सौ पैसठ तकरते हैं गिनती सिखाता है किसे हद पार करने की कोशिश अगर की तो चप्पल से मारूँगी तुझे
यह आदत कमीनी बिछड़ती नहीं है ओ मेरी जाणु... ू.. यह आदत कमीनी बिछड़ती नहीं है शराफत मेरे पल्ले पड़ती नहीं है ो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी... गयी मेरी माँ
होये... वैसे.. [हाँ बोल] बुद्धि तुझे तो आधी मिली थी वह आधी भी सड़ गयी.. सड़ गयी.. [न न न न न न] थोड़ा बॉडी बची थी [हाँ हाँ हाँ] वह भी इसक की बीमारी में
न बॉडी की चिंता न खाने की सुध है... न बॉडी की चिंता न खाने की सुध है... न दिन का पता है के मंगल है बुद्ध है के.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी... ऐ...
[अरे यह मारि मारि मारि क्या लगा रखा है बड़ा ढीठ रे है तू
ो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी मत मारी [इससे चुप कराओ] ो.. मारी मारी मारी.. गयी मेरी मत मारी [देवा मान मेरे कोई मुझे इस पागल से बचाओ] ो.. मारी मारी मारी..
खामोश...