मेरे घुंगरू की झंकर गीत फिल्म राजजो से एक प्रेरक गीत है। बेला शेंडे और जावेद अली ने इसे गाया है, जबकि इसका संगीत उतम सिंह द्वारा रचित है।
रज्जो (Rajjo )
मेरे घुंघरू की झंकार (Mere Ghungroo Ki Jhankar ) की लिरिक्स (Lyrics Of Mere Ghungroo Ki Jhankar )
सा रे गा मा ग रे सा सा रे गा मा ग रे सा रे गा मा पा धा प् माँ ग म ग रे ग रे सा
सा रे गा मा ग रे सा दीदी बिना गण क्या रे गा मा पा धा प् माँ दीदी बिना गण क्या
प् म प् ध प् प् ध प् माँ माँ प् ध म प् ध कोई भी सुर सजे न कोई भी धुन बजे न दीदी संग गण है गण है बजाना है टूटे बिखरे सुण मिलके सजाना है
सा रे गा मा ग रे सा दीदी बिना गण क्या रे गा मा पा धा प् माँ दीदी बिना गण क्या
हो.. ो... मेरे घुंघरू की झंकार झंकार.. झंकार.. मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल ु
तेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार तेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल उसको मिल जाए जो मैने कभी न ह
सा रे गा मा ग रे सा सा रे गा मा ग रे सा रे गा मा पा धा प् माँ ग म ग रे ग रे सा
हो... ो... अश्कों में छुपी हँसि है जहाँ ग़म है वहीँ ख़ुशी है रातों के संग सवेरा अंधेरों में रोशनी है अश्कों में छुपी हँसि है जहाँ ग़म है वहीँ ख़ुशी है
मेरे घुंघरू की झंकार झंकार.. झंकार.. मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार तेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल उसको मिल जा
हो... ो... न मनन में कोई सिला है न दिल में कोई गिला है मेरे हमदम मुझे पता है काँटों में ही गुल खिला है..
हो.. ो.. न मनन में कोई सिला है न दिल में कोई गिला है मेरे हमदम मुझे पता है काँटों में ही गुल खिला है.. पतझड़ के बाद बहारें आती जीवन में सदा
मेरे घुंघरू की झंकार झंकार.. झंकार.. मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल उसको मिल जा
आ... आ... ज़ख्मों से हुई है घायल पर बजती रहेगी पायल उम्मीदों का सुर सजा ले हर मुश्किल का है यही हाल.. ज़ख्मों से हुई है घायल पर बजती रहेगी पायल उम्मीदों का सुर
तेरे घुंघरू की झंकार झंकार.. झंकार.. मेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार तेरे घुंघरू की झंकार कहे मुझसे बार बार मंज़िल उसको मिल जाए मंज़िल उसको मिल जा
सा रे गा मा ग रे सा