बावार्ची (1 9 72) के अधिक नैना बहाय नीर गीत कैफी आज़मी द्वारा लिखे गए हैं, यह मदन मोहन द्वारा रचित है और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है।
बावर्ची (Bawarchi )
मोरे नैना बहाए नीर की लिरिक्स (Lyrics Of More Naina Bahaye Neer )
मोरे नैना बहाए नीर मोरे नैना बहाए नीर सखि का करून मोरा जिया न माने का करून मोरा जिया न माने नैना
पल छीन पी की राह निहारूं पल छीन पी की राह निहारूं साँझ सकारे उनको पुकारूँ भटकूं मैं जमुना के तीर भटकूं मैं जमुना के तीर नैना
कागा जो बोले तो अँखियाँ फड़के बिरहा की अग्नि और भी भड़के जल-जल जाए शरीर जल-जल जाए शरीर नैना
आंसू बहे जैसे नदिया की धारा नदिया की धारा में प्रीतम प्यारा बनके कमल मुस्काये बैरी बस में न आये जाऊं कहाँ