Mujhe Chhu Rahi Hain Teri Garm Saansein Lyrics of Swayamvar (1980) is penned by Gulzar, it's composed by Rajesh Roshan and sung by Mohammad Rafi and Lata Mangeshkar.
स्वयंवर (Swayamvar )
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें (Mujhe Chhu Rahi Hain Teri Garm Saansein ) की लिरिक्स (Lyrics Of Mujhe Chhu Rahi Hain Teri Garm Saansein )
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें मेरे रात और दिन महकने लगे हैं तेरी नरम सांसों ने ऐसे छुआ है के मेरे तो पाऊँ बहकने लगे हैं
लबों से अगर तुम भुला न सको तो निगाहों से तुम नाम लेकर बुला लो तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं ज़रा अपनी आँखों पे पलकें गिरा दो मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें
पता चल गया है के मंज़िल कहाँ है चलो दिल के लम्बे सफ़र पे चलेंगे सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीँ पर जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे मुझे छू रही हैं तेरी गए
सेकंड वर्शन मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
जिस दिल में बसते थे तूफ़ान के बादल वहां अब इश्क़ के दिए जल रहे हैं
गुमराह फिरता था मैं एक खोया परवाना तेरे दिल की शमा ने मक़्सद दिया मुझ को
जो सपने थे मुर्दा तारीकी में खोए इस मोहब्बत की रौशनी से जीने लगे हैं
काँटों से भरा था यह सफर मेरा तेरे दम से गुलाबों का फर्श बिछ गया
वह फूल जो कभी भी खिल न सके थे आज शबनम की बदौलत मुस्कुरा रहे हैं
वादा है यह मेरा न छोडूंगा साथ तेरा मरते दम तक तेरा साथ दूंगा
जिस रूह पे लोग तरस खाते थे आज फ़रिश्ते भी मुझसे इश्क करने लगे हैं मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें मेरे रात और दिन महकने लगे हैं