बोल से मुमकिन है गीत: यह शोएब हैदर और अहमद जहांज़ेब द्वारा शोएब मंसूर द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। मुमकिन हैई के गीत शोएब मंसूर द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
बोल (Bol )
मुमकिन है की लिरिक्स (Lyrics Of Mumkin Hai )
मुमकिन है
ख्वाहिशों का करार मुमकिन है इक नयी परवाह मुमकिन है हो मुमकिन है
जुस्तुजू रंग लायी है कुछ इस तरह दिल की हर आरज़ू मुस्कुराने लगी आसमान मेहरबान हो गया और ज़मीन गुनगुनाने लगी है मुमकिन है
खुशनुमा दिलरुबा चूड़ियां पहन कर हर कलाई छनकने खनकने लगी कानों की बालियां बोल उठीं हैं गीत होठों पे यूँ आने लगे हैं मुमकिन है