ओमाकारा से नमक इश्क का गीत: यह विशाल भारद्वाज और राकेश पंडित द्वारा विशाल भारद्वाज द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। गुलजार द्वारा इसके गीतों को खूबसूरती से लिखा गया है।
ओमकारा (Omkara )
नमक इश्क का (Namak Ishq Ka ) (२००६)की लिरिक्स (Lyrics Of Namak Ishq Ka )
मैं चाँद निगल गयी हो जी मैं चाँद निगल गयी दैय्या रे.. हो भीतर भीतर आग जले बात करून तो सेंक लगे अजी भीतर भीतर आग जले बात करून तो सेंक लगे
हो मैं चाँद निगल गयी दैय्या रे.. अंग पे ऐसे छाले पड़े तेज था छौंका का करून सी-सी करती
ज़बान पे लगा लगा रे ज़बान पे लगा लगा रे नमक इश्क का हाय रे तेरे इश्क़ का नमक इश्क का हाय रे तेरे इश्क़ का
बालम से माँगा माँगा रे बालम से माँगा रे.. बालम से माँगा माँगा रे बालम से माँगा रे बालम से माँगा माँगा रे नमक इश्क का तेरे इश्क़ का हाय रे तेरे इश्क़ का ज़बान पे लगा लगा
हे हे हे
सभी छेड़े हैं मुझको सिपाहिये बांके छमिया हाँ.. हाँ.. हाँ जी हाँ.. ाहा जी ाहा जी आह.. सभी छेड़े हैं मुझको सिपाहिये बांके छमिया उधारी देने लगे हैं गली क
तेज था ताड़का का करून सी-सी करती मैं मरूं ाजी तेज था ताड़का का करून सी-सी करती मैं मरूं रात भर छना रे... रात भर छना [आहे] रात भर छना छना रे नमक
हो.. ऐसी भूख लगी जालिम की हो.. ऐसी भूख लगी जालिम की के बांसुरी जैसी बीएए..जी मैं अरे जो भी कहा उस चंद्रभान ने पहात से हो गयी राज़ी मैं बांसुरी जैसी बाजी म
हाय! कभी अँखियों से पीना कभी होंठों से पीना कभी अँखियों से पीना कभी होंठों से पीना कभी अच्छा लगे मरने कभी मुश्किल लगे जीना करवट करवट प्यास लगी थी [
तेज था छौंका का करून सी-सी करती करती मैं मरूं ाजी तेज था छौंका का करून सी-सी करती करती मैं मरूं डाली भर डाला जी
बालम से माँगा माँगा रे बालम से माँगा रे.. बालम से माँगा माँगा रे नमक इश्क का हाय रे तेरे इश्क़ का
[नमक इश्क का... तेरे इश्क़ का] क्ष ५