आओ चालेन मानवा फिल्म अमर प्रेम से अधिक गीत मोहम्मद रफी और राजकुमारी द्वारा गाए जाते हैं, इसका संगीत दत्ता थाकर द्वारा रचित है और गीत मोहन मिश्रा द्वारा लिखे गए हैं।
अमर प्रेम (Amar Prem )
सागर के छोर कहीं हाँ हाँ अम्बार के कोरे सागर के छोर कहीं हाँ हाँ अम्बार के कोरे क्षितिज बने नेड जहाँ बादल झुके घोर क्षितिज बने नेड जहाँ बादल झुके घोर मोरे ान
कल्पना के पंख लगा कल्पना के पंख लगा आओ ुड़ें दूर निठुर बड़ा हए जगत मेरे सपने करे चूर निठुर बड़ा हए जगत मेरे सपने करे चूर मोरा जीवन रे मोरा जीवन रे
भ्रमर करें गुञ्ज नाचे मोर जहाँ सुध बुध भूल भ्रमर करें गुञ्ज नाचे मोर जहाँ सुध बुध भूल ो सुन्दर सुन्दर खिले हों आशा के नित्य नए फूल सुन्दर सुन्दर खिले हो