ओह रे ताल माइल नदी के जल मीन गीत अनोखी रावत से: यह मुकेश द्वारा रोशन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। ओह रे ताल माइल नदी के जल मीन के गीत सुन्दर रूप से इंडिवार द्वारा लिखे गए हैं।
अनोखी रात (Anokhi Raat )
सूरज को धरती तरसे धरती को चन्द्रमा धरती को चन्द्रमा पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा प्यासी हर आत्मा ओ मितवा रे... पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा बूँद छुप
ओह रे ताल मिले नदी के जल में नदी मिले सागर में सागर मिले कौन से जल में कोई जाने न ओह रे ताल मिले नदी के जल में
अनजाने होंठों पर ये पहचाने गीत हैं पहचाने गीत हैं कल तक जो बेगाने थे जन्मों के मीत हैं जन्मों के मीत हैं ओ मितवा रे... कल तक जो बेगाने थे जन्मों के मीत हैं
ओह रे ताल मिले नदी के जल में नदी मिले सागर में सागर मिले कौन से जल में कोई जाने न ओह रे ताल मिले नदी के जल में