Pag Ghungroo Bandh Lyrics from Namak Halaal is sung by Kishore Kumar and written by Anjaan. Music of Pag Ghungroo Bandh Meera Nachi Thi is composed by Bappi Lahiri, Salil Choudhary and Ramchandra.
नमक हलाल (Namak Halaal )
पग घुंघरू बांध (Pag Ghungroo Bandh ) की लिरिक्स (Lyrics Of Pag Ghungroo Bandh )
बुजुर्गों ने
अरे तो लो भैया हम अपने पैरों के ऊपर खड़े हो गए और मिला ली है ताल दबा लेगा दांतों तले उँगलियाँ
वह वह
के पग घुंघरू के पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी के पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी और हम नाचें बिन घुंघरू के के पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी
वह तीर भला किस काम का है जो तीर निशाने से चूक
पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी नाची थी
हम्म आप अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और नज़र आते हैं बखुदा शकल से तो चोर नज़र आते हैं उम्र ग़ुज़री है साड़ी चोरी में सारे सुख चैन बंद जुर्म की तिजोरी में
आप का तो लगता है बस यही सपना राम राम जपना पराया माल अपना क्ष (२)
वतन का खया नमक तो नमक हलाल बनो फ़र्ज़ ईमान की जिन्दा यहाँ मिसाल बना पराया धन परायी नार पे नज़र मत डालो बुरी आदत है यह
क्यों के! यह आदत तो वह आग है जो एक दिन अपना घर फूंके
पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी नाची थी
मौसम-इ-इश्क़ में मचले हुए अरमान हैं हम दिल को लगता है के दो जिस्म एक जान हैं हम ऐसा लगता है तो लाग्ने में कुछ बुराई नहीं दिल यह कहता है आप अपनी हैं
संगमरमर की हाय कोई मूरत हो तुम बड़ी दिलकश बड़ी खूबसूरत हो तुम दिल दिल से मिलने का कोई महूरत हो प्यासे दिलों की ज़रुरत हो तुम दिल चीर के दिखला दूँ मैं दिल में
क्या देश है
हम आप मिलें तो फिर हो शुरू अफ़साने लैला मजनू
के पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी क्ष (३)
पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी क्ष (२)