रेनकोट से पिया टोरा कैसा अभिमन गीत: इस गीत को सुनें जो गुलजार और शुभा मुद्गल की शानदार आवाज़ में है। इस गीत का संगीत देबाज्योति मिश्रा द्वारा किया जाता है और पिया टोरा कैसा अभिमन गीत गुलजार द्वारा लिखे गए हैं।
रेनकोट (Raincoat )
पिया तोरा कैसा अभिमान (Piya Tora Kaisa Abhimaan ) (विथ गुलज़ार'स पोएट्री)की लिरिक्स (Lyrics Of Piya Tora Kaisa Abhimaan )
पिया तोरा कैसा अभिमान पिया तोरा कैसा अभिमान
किसी मौसम का झोंका था जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है गए सावन में यह दीवारें यूँ सीली नहीं थी न जाने इस दफा क्यूँ इनमें सीलन आ गयी
सघन सावन लायी कदम बाहर मथुरा से डोली लाये चारों कहार नहीं आये
यह बारिश गुनगुनाती थी इसी छत की मुंडेरों पर यह बारिश गुनगुनाती थी इसी छत की मुंडेरों पर यह घर की खिड़कियों के कांच पर ऊँगली से लिख जाती थी संदेसे बिलख
अपने नयन से नीर बहाए अपनी जमुना खुद आप ही बनावे अपने नयन से नीर बहाए अपनी जमुना खुद आप ही बनावे
दोपहरें ऐसी लगती हैं बिना मोहरों के खाली खाने रक्खे हैं न कोई खेलने वाला है बाज़ी न कोई चाल चलता है
लाख बार उसमें ही नहाये पूरा न होई अस्नान फिर पूरा न होई अस्नान सूखे केस रूखे भेस
न दिन होता है अब न रात होती है सभी कुछ रुक गया है वह क्या मौसम का झोंका था जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है
पिया तोरा कैसा अभिमान तेरा पिया तोरा..