डेविड से रब डि मार्ज़ी के गीत: यह कार्तिक द्वारा प्रशांत पिल्लई द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। रब डी मार्ज़ी गीत खूबसूरती से Turaz AM द्वारा लिखा जाता है।
डेविड (David )
रब दी मर्जी की लिरिक्स (Lyrics Of Rab Di Marzi )
ओह रब दी हाँ रब दी हाँ रब दी मर्जी मर्ज़ी ओह मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी रब दी मर्जी
दर्द-इ-जिया पे मरहम धार दे मेरे मालिक इन्द्रधनुष के रंग में रंग दे ढो दे कालिक नफरत का कही नाम रहे न
ओह रब दी हाँ रब दी हाँ रब दी मर्जी मर्ज़ी ओह मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी रब दी मर्जी
रेगिस्तान बना जाता है शहर हमारा नूर की अपने प्यासे दिलो पे करदे बारिश रोशन करदे दिल का कमरा इतनी है खाइश मेरा यह हक़ है तुझसे मैं मांगूं खुद्की खातिर हो ु
ओह रब दी हाँ रब दी हाँ रब दी मर्जी मर्ज़ी ओह मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी हाँ मर्ज़ी रब दी मर्जी