रब को याद करून अमिताभ बच्चन और श्री देवी की फिल्म खुदा गवा से एक बहुत रोमांटिक गीत है। मोहम्मद अज़ीज़ और कविता कृष्णमूर्ति ने इसे गाया है। इसका संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल द्वारा रचित है और गीत आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए हैं।
खुदा गवाह (Khuda Gawah )
रब को याद करून की लिरिक्स (Lyrics Of Rab Ko Yaad Karoon )
रब को याद करून
रब को याद करून
जब से हुई यह लम्बी जुदाई जब से हुई यह लम्बी जुदाई न चैन आया न नींद आई न नींद आई नज़रें तरस गयीं आँखें बरस गईं नज़रें तरस गयीं आँखें बरस गईं
जी चाहे उसकी बाहों में झूलूं जी चाहे उसकी बाहों में झूलूं आँखों से देखूं हाथों से छू लूं हाथों से छू लूं मैं हूँ बेचैन बड़ी
उस-से बिछड़कर यूँ जी रहा हूँ उस-से बिछड़कर यूँ जी रहा हूँ जैसे ज़हर कोई पी रहा हूँ यूँ जी रहा हूँ साज़-इ-दिल टूट गया
कर दे कुछ ऐसा तू हाल मेरा कर दे कुछ ऐसा तू हाल मेरा आ जाए सुनकर मेरा मसीहा मेरा मसीहा उस तक पहुंचे खबर
रब को याद करून