रब्बा पुलित सम्राट, रिचा चड्डा, मंजोत सिंह और अली फजल अभिनीत मृगदीप सिंह लांबा की फिल्म फुक्रे का एक प्यारा गीत है। रब्बा के गीत वास्तव में बहुत अच्छे हैं। यह ट्रैक राम संपथ द्वारा शानदार रूप से रचित है।
फुकरे (Fukrey )
रब्बा की लिरिक्स (Lyrics Of Rabba )
कोई तारा चमके रूह में और मुझको राह दिखाये कोई करम हो सूने साज़ों पे और और और और और
रब्बा और सहा न जाए कुछ तो बोल
मेरे सारे सपने (हाँ जी) बंद हैं किस बक्से में (हाँ जी) रब्बा कर दे उस बक्से में कोई होल
रब्बा और सहा न जाए कुछ तो बोल
जगमग जगमग इन गलियों में हमको थोड़ी जगह दिला दे जगमग जगमग इन गलियों में हमको थोड़ी जगह दिला दे वहाँ हमारा दिल न माने उठा वहाँ से
प्यार उमीदें सपने (हाँ जी) डाले तूने मन में (हाँ जी) सारे अरमानों को जगा के न कर झोल
रब्बा और सहा न जाए कुछ तो बोल
होए होए होए..
ख्वाब घोलते हैं आँखों में रोज़ बोलते हैं बातों में ख्वाब घोलते हैं आँखों में रोज़ बोलते हैं बातों में आँखों में हैं
सबर की सीमा टूटी (हाँ जी) देदे कोई बूटी (हाँ जी) तेरे आगे पीट रहे हैं कब से ढोल
रब्बा और सहा न जाए कुछ तो बोल
रब्बा और सहा न जाए कुछ तो बोल
कोई तारा चमके रूह में और मुझको राह दिखाये कोई करम हो सूने साज़ पे और धुन पूरी हो जाए
एक लय चले कुछ सुर बहें यह सिलसिला चलता रहे कभी बोल के
कोई तारा चमके रूह में