शाफकत अमानत अली की आवाज़ में सरबजीत से रब्बा गीत। इसका संगीत तनिष्क बागची द्वारा रचित है जबकि गीत अराफात मेहमूद द्वारा लिखे गए हैं।
सरबजीत (Sarbjit )
रब्बा (Rabba ) की लिरिक्स (Lyrics Of Rabba )
अखियों के धारे सूखे हैं सारे सुना है मंज़र सुना तू जो ना रे
हो रब्बा मिलिया मिलिया ना जो खोया मिलिया मिलिया ना हो रब्बा मिलिया मिलिया ना वेह क्ष (२)
टूटे सारे धागे रे तावीज़ न तागे रे किसकी नज़र लागे रे
तू रब है सब जाने रे हर दर्द पेहचाने रे क्यों न नज़र काते रे
बाँधूँ मैं किस से उम्मीदें तू बता दे रे
हो रब्बा मिलिया मिलिया ना जो खोया मिलिया मिलिया ना हो रब्बा मिलिया मिलिया ना वेह क्ष (२)
रंगों के मौसम रूठे आँखों के दरिया सूखे किसने मंज़र फूके
भीगे सरे चौबारे रास्तों पे है दिवारें क़दमों को मेरे रोके
हाथों से फिसल जो रिश्ते फिर से ला दे रे
हो रब्बा मिलिया मिलिया ना जो खोया मिलिया मिलिया ना हो रब्बा मिलिया मिलिया ना वेह क्ष (२)
हो रब्बा मिलिया मिलिया न रब्बा मिलिया मिलिया न रब्बा मिलिया मिलिया न रब्बा मिलिया क्ष (३)