अशोक से रोशानी से भरे भरे गीत: यह अलक मलिक द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ अल्का याज्ञिक और अभिजीत द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। रोशानी से भारे भायर के गीत खूबसूरती से गुलजार द्वारा लिखे गए हैं।
असोका (Asoka )
रोशनी से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. रोशनी से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. छू के बोलेन न छूना मुझे छू के बोलेन न छूना मुझे
सपनों से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. सपनों से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. छू के बोलेन न छूना मुझे छू के बोलेन न छूना मुझे
आ...
ढूँढा है ढूँढा है तुझे आकाश ऊपर तले शायद किसी बद्री में लिपटी हुयी तू मिले आ.. ढूँढा है ढूँढा है तुझे आकाश ऊपर तले शायद किसी नदिया में चलता हु
रोशनी से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. छू के बोलेन न छूना मुझे छू के बोलेन न छूना मुझे
मैंने समय से रोक के तेरा पता पूछा है नीली नदी से केह के सागर ठाले ढूँढा है ो.. लहरों पे चलते हुए पानी के फन छूते हैं जैसे तेरे यह हाथ हो मेरा यह टी
रोशनी से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. छू के बोलेन न छूना मुझे
सपनों से भरे भरे भरे भरे नैना तेरे.. छू के बोलेन न छूना मुझे छू के बोलेन न छूना मुझे