रूला के गया सपना मेरा गीत ज्वेल चोर (1 9 67) मेजरोह सुल्तानपुरी द्वारा लिखा गया है, यह एसडी बर्मन द्वारा रचित है और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है।
ज्वेल थीफ (Jewel Thief )
रुला के गया सपना मेरा की लिरिक्स (Lyrics Of Rula Ke Gaya Sapna Mera )
रुला के गया सपना मेरा रुला के गया सपना मेरा बैठी हूँ कब हो सवेरा रुला के गया सपना मेरा
वही है ग़म-इ-दिल वही हैं चंदा तारे हाय वही हम बे-सहारे वही है ग़म-इ-दिल वही हैं चंदा तारे वही हम बे-सहारे आधी रात वही है और हर बात वही है फिर बह
कैसी यह ज़िन्दगी के साँसों से हम ूबे के दिल डूबा