

सलाम आया गीत वीर (2010) को गुलजार द्वारा लिखा गया है, इसे साजिद-वाजिद द्वारा रचित किया गया है और रूप कुमार राठोड, श्रेया घोषाल और सुजैन डमेलो द्वारा गाया गया है।
वीर (Veer )
सलाम आया (Salaam Aaya ) (२०१०)की लिरिक्स (Lyrics Of Salaam Aaya )
दबी दबी साँस में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
दबी दबी साँस में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
जब बोले वह जब बोलेन उसकी आँख में राब बोलेन जब बोले वह जब बोलेन उसकी आँख में राब बोलेन पास पास ही रहना तुम आँख आँख में केहना तुम देखा तुम्हें तो आराम आया
दबी दबी साँस में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
रोज़ ही दिल की आग उठाकर हाथ पे लेकर चलना है तेरे बिना
दबी दबी साँस में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया
दिन की तरह तुम सर पे आना शाम के जैसे ढालना तुम ख्वाब बिछा रखे हैं राह में सोच समझ के चलना तुम नींद के छाँव से
दबी दबी साँस में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
सलाम आया