फिल्म राजाजी की रविवार की रात थीई गीत कुमार सानू और सपना मुखर्जी द्वारा गाया जाता है, इसका संगीत आनंद और मिलिंद द्वारा रचित है और गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं।
राजाजी (Rajaji )
संडे की रात थी (Sunday Ki Raat Thi ) की लिरिक्स (Lyrics Of Sunday Ki Raat Thi )
संडे की रात थी
आलिशान किसी बंगले से गाडी में वह निकली मेरे प्यार के जाल में फंस गयी पैसे वाली तितली हो आलिशान किसी बंगले से गाडी में वह निकली मेरे प्यार के जाल में फँस गे
संडे की रात थी
मैंने उसको देखा तो दिल मेरा धक् से धड़का सर्दी के मौसम में भी गर्मी का शोला भड़का अरे मैंने उसको देखा तो दिल मेरा धक् से धड़का सर्दी के मौसम में भी गर्मी का शोला
संडे की रात थी
संडे की रात थी