शापति (2010) के शापीत हुआ गीत आदित्य नारायण द्वारा लिखे गए हैं, यह आदित्य नारायण द्वारा रचित है और आदित्य नारायण और सुनिधि चौहान द्वारा गाया गया है।
शापित (Shaapit )
हुआ (Shaapit Hua ) टाइटल सांगकी लिरिक्स (Lyrics Of Shaapit Hua )
भूलेंगे न यह पल जब अपने प्यार का बीता कल शापित हुआ
क्या क्या होता है चाहत की अनजानी सी राहों में देखा हमने जा कर खुद अपनी मौत की गुफाओं में कतरा कतरा चिल्लाती है अंधकार की हर दीवार आया आशिक़ शापित कर के स
शापित हुआ हुआ हुआ हुआ तेरे प्यार में शापित हुआ हुआ हुआ हुआ तेरे इकरार में शापित हुआ हुआ हुआ हुआ तेरे प्यार में शापित हुआ हुआ हुआ हुआ तेरे इकरार में बोझिल हो गया पी
सोचने की यह बात है जिसमें न जिस्म है न जान है उस निर्जीव के जीवित श्राप ने छीने मेरे प्राण हैं न सांझे वह प्रेम न प्रेमिओं की जुदाई का एहसास हर मेहबूब और में
तेरे प्यार की ज्योत मुझे इस अंधकार से बचाएगी वह निर्जीव भी तेरे हाथों से ही मुक्ति पाएगी आएगा वह पल जब ख़ुशियाँ चीखेंगी चिल्लायेंगी तेरे पास तेरे सपनों की र