शिशी भरी गुलाब की गीत जीट (1 9 72): यह रणधीर कपूर, बाबिता, जीवन और सुंदर अभिनीत जीट का एक प्यारा गीत है। यह लता मंगेशकर द्वारा गाया जाता है और लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है।
जीत (Jeet )
शीशी भरी गुलाब की की लिरिक्स (Lyrics Of Shishi Bhari Gulab Ki )
क्या कहा
शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूं शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूं तेरी गली न छोडूं
प्रेम है यह कोई खेल नहीं यह कोई दो दिलों का सइयां मेल नहीं प्रेम है यह कोई खेल नहीं यह कोई दो दिलों का सइयां मेल नहीं जो काँटा चुभा हो पाँव में दूँ मैं निकाल
भूला तू करके वादे पीपल की छाँव में भूला तू करके वादे पीपल की छाँव में तुझसे नहीं है कोई तुझसे नहीं है कोई हरजाइ गाँव में तुझसे नहीं है कोई हरजाइ ग
छोड़ दे तू मेरा हाथ चानना न मजाक कर मेरे साथ चानना छोड़ दे तू मेरा हाथ चानना न मजाक कर मेरे साथ चानना मैं कलियन भरी बहार की बागों से नोच लूँ कलियन बी
देखा हंसा दिया तुझे हो टाँगे वाले यार देखा हंसा दिया तुझे हो टाँगे वाले यार रूठा हुआ था महिया रूठा हुआ था महिया मैंने मना लिया रूठा हुआ था महिया मैंने मन