कश्मीर की काली (1 9 64) के सुबान अल्लाह हसीन चेहर गीत: यह शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर, प्राण और अनूप कुमार अभिनीत कश्मीर की काली का एक प्यारा गीत है। इसे मोहम्मद रफी द्वारा गाया जाता है और ओपी नायर द्वारा रचित किया जाता है।
कश्मीर की कली (Kashmir Ki Kali )
सुभान अल्लाह हसीं चेहरे की लिरिक्स (Lyrics Of Subhan Allah Haseen Chehra )
सुभान अल्लाह हसीं चेहरे सुभान अल्लाह हसीं चेहरे यह मस्ताना अदाएं खुदा मेहफ़ूज़ रखे हर बला से
तुम्हें देखा होये
करे पूजा ज़माना जिसकी वह तस्वीर हो तुम मिला करती है जन्नत जिस-से वह तक़्दीर हो तुम मिला करती है जन्नत जिस-से वह तक़्दीर हो तुम कमर पतली हाय
न जाने किसकी किस्मत में है मुखड़ा चाँद सा यह न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का यह न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का यह इजाज़त हो हाय
बड़ी हसरत से तुमको देखता है यह ज़माना सुनना चाहता है हर कोई अपना फ़साना सुनना चाहता है हर कोई अपना फ़साना कोई दिल हो हाय