ये जवानी है दीवानी से सुभानाल्लाह गीत श्रीराम चंद्र द्वारा गाया जाता है, संगीत प्रीतम चक्रवर्ती द्वारा स्कोर किया जाता है, जबकि सुबान अल्लाह गीत कुमायर द्वारा लिखे जाते हैं: एक दिन कभी जो खुद को ताराशे एक अच्छा गीत है, हमें आशा है कि आपको यह पसंद आएगा।
यह जवानी है दीवानी (Yeh Jawani Hai Deewani )
सुभानअल्लाह (Subhanallah ) की लिरिक्स (Lyrics Of Subhanallah )
एक दिन कभी जो खुद को तराशे मेरी नज़र से तू ज़रा हाय रे.. आँखों से तेरी क्या क्या छुपा है तुझको दिखाऊँ मैं ज़रा हाय रे.. एक अनकही सी दास्ताँ दास्ताँ कहने लगे
जो हो रहा है पहली दफा है वल्लाह ऐसा हुआ सुभानअल्लाह जो हो रहा है पहली दफा है वल्लाह
मेरी खामोशी से बातें चुन लेना उनकी डोरी से तारीफ़ें बन लेना हाँ.. मेरी खामोशी से बातें चुन लेना उनकी डोरी से तारीफ़ें बन लेना
कल नहीं थी जो आज लगती हूँ तारीफ़ मेरी है खामखां तोहफा है तेरा मेरी अदा
एक दिन कभी जो खुद को पुकारे मेरी जुबां से तू ज़रा हाय रे.. तुझ में छुपी सी जो शायरी है तुझको सुनाऊं मैं ज़रा हाय रे.. ये दो दिलों का वास्ता वास्ता.. खुल के बा
सुभान अल्लाह.. जो हो रहा है पहली दफा है
वल्लाह ऐसा हुआ वल्लाह ऐसा हुआ वल्लाह ऐसा हुआ वल्लाह ऐसा हुआ