तांग आ चूक है काश्माश-ए-जिंदगी से हम गीत लाइट हाउस (1 9 58): यह अशोक कुमार, न्यूटन, जॉनी वाकर और नाज़ी अभिनीत लाइट हाउस का एक प्यारा गीत है। यह आशा भोसले द्वारा गाया जाता है और एन दत्ता द्वारा रचित है।
लाइट हाउस (Light House )
तंग आ चुके हैं कश्मकशइज़िन्दगी से हम की लिरिक्स (Lyrics Of Tang Aa Chuke Hain Kashmakash)
तंग आ चुके हैं कश्मकश-इ-ज़िन्दगी से हम ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिल्ली से हम तंग आ चुके
लो आज हमने तोड़ दिया
गर ज़िन्दगी में मिल गए फिर इत्तेफ़ाक़ से गर ज़िन्दगी में मिल गए फिर इत्तेफ़ाक़ से पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिल्ली से हम तंग आ च
ो आसमान वाले कभी तो निगाह कर ो आसमान वाले कभी तो निगाह कर अब तक यह ज़ुल्म सहते रहे ख़ामोशी से हम ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिल्ली से हम तंग आ चुके तंग आ