Tum Besahara Ho To Kisi Ka Sahara Bano Lyrics of Anurodh (1977) is penned by Anand Bakshi, it's composed by Laxmikant and Pyarelal and sung by Manna Dey.
अनुरोध (Anurodh )
हंस कर ज़िंदा रहना पड़ता है अपना दुःख खुद सहना पड़ता है रास्ता चाहे कितना लम्बा हो दरिया को तो बहना पड़ता है हो तुम हो एक अकेले तो रुक मत जाओ चल निकला रास्ते में कोई
जीवन तो एक जैसा होता है कोई हँसता कोई रोता है साबरा से जीना आसान होता है फ़िक्र से जीना मुश्किल होता है फ़िक्र से जीना मुश्किल होता है हो थोड़े फूल हैं