Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho Lyrics from Arth: This is a very well sung song by Jagjit Singh with nicely composed music by Jagjit Singh. Lyrics of Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho are beautifully penned by Kaifi Azmi.
अर्थ (Arth )
आँखों में नमी हँसी लबों पर आँखों में नमी हँसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो क्या हाल है क्या दिखा रहे हो क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो तुम इतना जो मुस
बन जायेंगे ज़हर पीते पीते बन जायेंगे ज़हर पीते पीते यह अश्क़ जो पीटे जा रहे हो यह अश्क़ जो पीटे जा रहे हो
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो तुम ितं
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर रेखाओं का खेल है मुक़द्दर रेखाओं से मात खा रहे हो रेखाओं से मात खा रहे हो क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या