तुम टू ढोकबाज़ हो साजन चले ससुराल (1 99 6) के गीत समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह नादेम और श्रवण द्वारा रचित है और कुमार सानू और अल्का याज्ञिक द्वारा गाया गया है।
साजन चले ससुराल (Saajan Chale Sasural )
तुम तो धोकेबाज़ हो (Tum To Dhokebaaz Ho ) की लिरिक्स (Lyrics Of Tum To Dhokebaaz Ho )
तुम तो धोकेबाज़ हो वादा करके भूल जाते हो तुम तो धोकेबाज़ हो वादा करके भूल जाते हो रोज़ रोज़ तुम जो सनम ऐसा करोगे रोज़ रोज़ तुम जो सनम ऐसा करोगे हम जो रूठ जाएंग
ाहा तुम भी बड़ी चालाक हो मुस्कुरा के दिल जलाती हो तुम भी बड़ी चालाक हो मुस्कुरा के दिल जलाती हो रोज़ रोज़ तुम जो सनम ऐसा करोगे हम जो रूठ जायेंगे तो आहें भरोगे ा
पहले मिलान की यह अपनी पहली रात है हमको तुमसे करनी कुछ ज़रूरी बात है क्या हसीं समां है क्या सुहानी घडी है थोड़ी देर ठहरो जी क्या जल्दी पड़ी है आओ ाके चूम लो
छोडो गिले शिकवे हमसे प्यार करो जी आया अभी आया इंतज़ार करो जी तुमको है कसम न बेक़रार करो जी थोड़ा सा हमारा ऐतबार करो जी समझो दिल की बेबसी इस तरह क्यूँ आजमा
ाहा तुम तो धोकेबाज़ हो वादा करके भूल जाते हो तुम भी बड़ी चालाक हो मुस्कुरा के दिल जलाती हो रोज़ रोज़ तुम जो सनम ऐसा करोगे हाँ रोज़ रोज़ तुम जो सनम ऐसा करोगे हम जो