Tumne Di Awaz Lo Main Aa Gaya Lyrics of Betaab (1983) is penned by Anand Bakshi, it's composed by R D Burman and sung by Shabbir Kumar.
बेताब (Betaab )
तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया की लिरिक्स (Lyrics Of Tumne Di Awaz Lo Main Aa Gaya )
प्रेमी हूँ
पर्बतों से आज मैं टकरा गया तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया हो पर्बतों से आज मैं टकरा गया तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया
तुम बुलाओ मैं न आऊं
उम्र ही ऐसी है कुछ यह तुम किसी से पूछ लो हाय उम्र ही ऐसी है कुछ यह तुम किसी से पूछ लो एक साथी की ज़रुरत एक साथी की ज़रुरत पड़ती है हर एक को दिल तुम्हारा इस
खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह चोर आवारा हवा के चोर आवारा हवा के मस्त झोंकों की तरह रेशमी जुल्फों को मैं बिक