कॉल गर्ल से उल्फत मी जमेने की गीत: यह लता मंगेशकर और किशोर कुमार द्वारा सपन-जगमोहन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। Ulfat Me Zamane Ki के गीत खूबसूरती से Naqsh Lyallpuri द्वारा लिखा गया है।
कॉल गर्ल (Call Girl )
उल्फत में ज़माने की की लिरिक्स (Lyrics Of Ulfat Mein Zamane Ki )
क़दमों को न रोकेगी ज़ंजीर रिवाज़ों की हम तोड़ के निकलेंगे दीवार समाजों की दूरी पे सही मंज़िल दूरी से न घबराओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ
मैं अपनी बहारों को रंगीन बना लूँगा सौ बार तुम्हें अपनी पलकों पे उठा लूँगा शबनम की तरह मेरे गुलशन में बिखर जाओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ
आ जाओ के जीने के हालात बदल डालें हम तुम ज़माने के दिन रात बदल डालें तुम मेरी वफाओं की इक बार कसम खाओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ उल्फत में ज़माने क
उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ फिर साथ मेरे आओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ
दुनिया से बहुत आगे जिस राह पे हम होंगे यह सोच लो पहले से हर मोड़ पे ग़म होंगे है खौफ ग़मों से तो रुक जाओ
मैं टूटी हुई कश्ती खुद पार लगा लूँगी तूफ़ान को मौजों को पटवार बना लूंगी मझधार का डर है तो साहिल पे ठहर जाओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ फिर साथ
दिल और कहीं देकर तुम चाहो बदल डालो बेहतर तो यही होगा यह राह बदल डालो दो चार कदम चल कर मुमकिन है बहक जाओ उल्फत में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ फिर साथ