Umangon Par Jawani Chha Gayi Lyrics of Amar Kahani (1949) is penned by Rajinder Krishan, it's composed by Husnlal-Bhagatram and sung by Suraiyya.
अमर
कहानी (Amar Kahani )कहीं डाली से डाली मुंह मिला कर गीत गाती है बहार आयी काली भी फूल बनकर मुस्कुराती है बाहर आके मुझे तड़पा गयी अब तो चले आओ
हसीं हो जाएँ यह दिन और जवान हो जाएँ यह रातें तुम आओ तो इशारों ही इशारों में करें बातें लबों पर बात दिल की आ गयी अब तो चले आओ