ये कंद सा रोशन चेहर फिल्म कश्मीर की काली के गीत मोहम्मद रफी द्वारा गाए जाते हैं, इसका संगीत ओपी नायर द्वारा रचित है और गीत एसएच बिहारी द्वारा लिखे गए हैं।
कश्मीर की कली (Kashmir Ki Kali )
यह चांद सा रोशन चेहरा की लिरिक्स (Lyrics Of Yeh Chaand Sa Roshan Chehra )
यह चांद सा रोशन चेहरा ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा यह झील सी नीली आँखें कोई राज़ है इनमें गहरा तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया
यह चांद सा रोशन चेहरा ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा यह झील सी नीली आँखें कोई राज़ है इनमें गहरा तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया
एक चीज़ क़यामत सी है लोगों से सुना करते थे तुम्हें देख के मैंने मन वह ठीक कहा करते थे वह ठीक कहा करते थे है चाल में तेरी ज़ालिम कुछ ऐसी बला का जादू सा
यह चांद सा रोशन चेहरा ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा यह झील सी नीली आँखें कोई राज़ है इनमें गहरा तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया
हर सुबह किरण की लाली है रंग तेरे गालों का हर शाम की चादर काली साया है तेरे बालों का हर सुबह किरण की लाली है रंग तेरे गालों का हर शाम की चादर काली साया
यह चांद सा रोशन चेहरा ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा यह झील सी नीली आँखें कोई राज़ है इनमें गहरा तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया
मैं खोज में हूँ मंज़िल के और मंज़िल पास है मेरे मुखड़े से हटा दो आँचल हो जाएं दूर अंधेरे हो जाएं दूर अंधेरे मन के यह जलवे तेरे कर देंगे मुझे दीवाना जी
यह चांद सा रोशन चेहरा ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा यह झील सी नीली आँखें कोई राज़ है इनमें गहरा तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया तारीफ करूँ क्या उसकी जिसने