इज़त से ये दिल तुम बिन कहिन लगता नाहिन के गीत: यह मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर द्वारा लक्समिकांत और प्यारेलाल द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। ये दिल तुम बिन कहिन लगता नाहिन गीत साहिर लुधियानवी द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
इज़्ज़त (Izzat )
यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं की लिरिक्स (Lyrics Of Yeh Dil Tum Bin Kahin Lagta Nahin )
यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें तसव्वुर में कोई बस्ता नहीं हम क्या करें तुम्ही कह दो अब ए जान-इ-वफ़ा हम क
किसी के दिल में बस के दिल को तड़पाना नहीं अच्छा किसी के दिल में बस के दिल को तड़पाना नहीं अच्छा निगाहों को झलक दे दे के छुप जाना नहीं अच्छा उम्मीदों के खिले गुल
मोहब्बत कर तो लें लेकिन मोहब्बत रास आये भी मोहब्बत कर तो लें लेकिन मोहब्बत रास आये भी दिलों को बोझ लगते हैं कभी जुल्फों के साये भी हज़ारों ग़म हैं इस दुनिया
बुझा दो आग दिल की या इसे खुल कर हवा दे दो बुझा दो आग दिल की या इसे खुल कर हवा दे दो जो इसका मोल दे पाए उसे अपनी वफ़ा दे दो तुम्हारे दिल में क्या है बस हमें इतना पैट