बाजीगर से ये काली काली आंखें के गीत: यह अनुू मलिक द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ कुमार सानू और अनु मलिक द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। ये काली काली आंखें गीत रानी मलिक द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
बाज़ीगर (Baazigar )
देखा जो तुझे जानम हुआ है बुरा हाल
यह काली काली आँखें यह गोरे गोरे गाल यह तीखी तीखी नज़रें यह हिरणी जैसी चाल
मैं मिला
उफ़ तेरी दिल्लगी दिल को जलाने लगी दिलरुबा तू मुझे नखरे दिखाने लगी
घेरों की बाहों में इठला के जाने लगी यह तेरी बेरुखी मुझको सताने लगी छोडो जी छोडो सनम ज़िद अपनी छोडो सनम नाज़ुक है दिल यह मेरा दिल को न तोड़ो सनम दिल को न ट
यह लम्बी लम्बी रातें आ कर लें मुलाकातें जाने क्यों दिल यह मेरा तेरा ही होना चाहे गुस्से में लाल न कर यह गोरे गोरे गाल
यह काली काली आँखें यह गोरे गोरे गाल यह तीखी तीखी नज़रें यह हिरणी जैसी चाल
न तू कर खटपट कर प्यार झटपट मेरे आजा तू निकट काट प्यार का टिकट न तू जुल्फें झटक न तू पैर पटक अरे ऐसे न मतक दिल गया है भटक
चेहरे पे तेरे सनम लैला की हैं शोखियाँ हीर से बढ़के हैं आँखों की यह मस्तियाँ
जूलिएट की तरह होठों पे हैं सुर्खियां देख ले खुद को तू नज़र से मेरी जान-इ-जान देखि जो तेरी अदा मैं फ़िदा हो गया सीने से लग जा ज़रा जीने का आये मज़ा जीने का ाये म
यह बिखरी बिखरी जुल्फें यह झुकी झुकी पलकें यह गोरी गोरी बाँहें हम क्यों न तुम्हें चाहें ऐसा तो हमने पहले देखा नहीं कमाल
यह काली काली आँखें यह गोरे गोरे गाल यह तीखी तीखी नज़रें यह हिरणी जैसी चाल