युं लगने लगी आजकल जिंदगानी फिल्म संतोष के गीत लता मंगेशकर और नितिन मुकेश द्वारा गाए जाते हैं, इसका संगीत लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है और गीत संतोष आनंद द्वारा लिखे गए हैं।
संतोष (Santosh )
यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी (Yun Lagne Lagi Aajkal Zindagani ) की लिरिक्स (Lyrics Of Yun Lagne Lagi Aajkal Zindagani )
यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी - २ के जैसे कहीं छोड़ आये जवानी
यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी - २ के जैसे कहीं छोड़ आये जवानी यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी
कहाँ से कहाँ आ गए चलते चलते कहाँ से कहाँ आ गए चलते चलते के दिल बन गया हो के दिल बन गया दर्द की राजधानी यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी
बड़ी चीज़ है प्यार में डूब जाना बड़ी चीज़ है प्यार में डूब जाना बड़ी बात है हाँ बड़ी बात है रूप की मेहरबानी यूँ लगने लगी आजकल ज़िंदगानी
चलो प्यार की आग में जल के देखें चलो प्यार की आग में जल के देखें बोहत हो चुकी ज़िन्दगी
कभी क्या किसी ने सुनी ध्यान देकर कभी क्या किसी ने सुनी ध्यान देकर तुम्हारी ज़ुबानी हमारी
बड़े प्यार से सुन रहा है ज़माना बड़े प्यार से सुन रहा है ज़माना हमारी जुबानी तुम्हारी
कभी एक सन्तोष होता था शायद कभी एक सन्तोष होता था शायद ग़ज़लक बन गयी हैं ग़ज़लक बन गयी है उसकी कहानी यूँ लगने लगी ओह लगने लगी आजकल ज़िंदगानी