खुंदागज़ (1 9 87) के जिंदगी का नाम दोस्ती गीत इंडिवार द्वारा लिखे गए हैं, यह राजेश रोशन द्वारा रचित है और नील नितिन मुकेश और मोहम्मद अज़ीज़ द्वारा गाया गया है।
खुदगर्ज़ (Khudgarz )
ज़िन्दगी का नाम दोस्ती की लिरिक्स (Lyrics Of Zindagi Ka Naam Dosti )
डुएट वर्शन बय नील नितिन मुकेश
हो कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती ज़िन्दगी का नाम दोस्ती
इतना सब कुछ तूने दिया है एहसानों से बाण्ड लिया है इतना सब कुछ तूने दिया है एहसानों से बाण्ड लिया है हो एहसान कैसा
प्यार तो तोहरा हमको न मिलता बिन पतझड़ का फूल न खिलते हो प्यार तो तोहरा हमको न मिलता बिन पतझड़ का फूल न खिलते वीराने में लाखों बहारें ले लेके आयी दोस्ती ज़िन्दगी
कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती हो कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती ज़िन्दगी का नाम दोस्ती
सोलो वर्शन बय नील नितिन मुकेश
कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती ज़िन्दगी का नाम दोस्ती
कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती ज़िन्दगी का नाम दोस्ती
दौलत कमाई कुछ न कमाया शोहरत कमाई कुछ न कमाया हो दौलत कमाई कुछ न कमाया शोहरत कमाई कुछ न कमाया दुनिया में सब कुछ उसने कमाया जिसने कमाई दोस्ती ज़
मतलब को तुम प्यार न समझो क़ुदग़र्ज़ों यार न समझो हो मतलब को तुम प्यार न समझो क़ुदग़र्ज़ों यार न समझो सच्चा वोहि है दोस्त की जिसने जान देके निभाई दोस्ती ज़िन्दगी का न
कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती हो कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों रह जाती है दोस्ती ज़िन्दगी का नाम दोस्ती