कयामत से कयामत टेक से अकेले हैन टू काय गाई है के गीत: यह आनंद और मिलिंद द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ अल्का याज्ञिक और उदित नारायण द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। अकेले हैं टू कया गाई है गीत सुंदर रूप से माजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखे गए हैं।
क़यामत से क़यामत तक (Qayamat Se Qayamat Tak )
अकेले हैं तो क्या गम है (Akele Hain To Kya Gam Hai ) की लिरिक्स (Lyrics Of Akele Hain To Kya Gam Hai )
अकेले हैं तो क्या गम है चाहें तो हमारे बस में क्या नहीं बस एक जरा साथ हो तेरा तेरे तो हैं हम
अब यह नहीं सपना
फिर नहीं टूटेगा हम पे कोई तूफ़ान फिर नहीं टूटेगा हम पे कोई तूफ़ान साजना हो देखना हर तूफ़ान का मैं करूंगी सामना बस एक जरा साथ हो तेरा तेरे तो हैं हम
अब तो मेरे साजन बीतेगा हर दिन अब तो मेरे साजन बीतेगा हर दिन प्यार की हो बाहों में रंग जायेगी रुत तेरी अदाओं में बस एक जरा साथ हो तेरा तेरे तो हैं हम