कयामत से कयामत टेक से ऐ मेरे हुमाफ़र के गीत: यह आनंद और मिलिंद द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ उदित नारायण द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। ऐरे मेर हुमाफ़र गीत महारू सुल्तानपुरी द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
क़यामत से क़यामत तक (Qayamat Se Qayamat Tak )
ए मेरे हमसफ़र (Aye Mere Humsafar ) की लिरिक्स (Lyrics Of Aye Mere Humsafar )
ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही है मंज़िल प्यार की ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही है मंज़िल प्यार की
अब है जुदाई का मौसम दो पल का मेहमान कैसे न जाएगा अँधेरा क्यों ना थमेगा तूफ़ान अब है जुदाई का मौसम दो पल का मेहमान कैसे न जाएगा अँधेरा क्यों ना थमेगा तूफ़ान क
प्यार ने जहाँ पे रखा है झूम के कदम इक बार वहीँ से खुला है कोई रास्ता वहीँ से गिरी है दीवार प्यार ने जहाँ पे रखा है झूम के कदम इक बार वहीँ से खुला है कोई र
ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही है मंज़िल प्यार की ए मेरे हमसफ़र एक ज़रा इंतज़ार सुन सदाएं दे रही है मंज़िल प्यार की