बातेन कुच अंकी सी लाइफ इन ए मेट्रो (2007) अमिताभ वर्मा, संदीप श्रीवास्तव और सईद क्वाद्री द्वारा लिखी गई है, यह प्रीतम चक्रवर्ती द्वारा रचित है और अदनान सामी द्वारा गाया गया है।
लाइफ इन अ मेट्रो (Life in A Metro )
बातें कुछ अनकही सी की लिरिक्स (Lyrics Of Baatein Kuch Ankahee Si )
बातें कुछ अनकहे सी कुछ अनसुनी से होने लगी क़ाबू दिल पे रहा न हस्ती हमारी खोने लगी वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद यही है प्यार
येह.. बातें कुछ अनकहे सी वो.. कुछ अनसुनी से होने लगी क़ाबू दिल पे रहा न हस्ती हमारी खोने लगी वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद यही है प्यार शायद यही है प्यार
कह दे मुझसे दिल में क्या है.. ऐसा भी क्या ग़ुरूर तुझको भी तो हो रहा है.. थोड़ा असर ज़रूर हो यह ख़ामोशी जीने न दे कोई तो बात हो.. वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद
बातें कुछ अनकहे सी वो.. कुछ अनसुनी से होने लगी क़ाबू दिल पे रहा न हस्ती हमारी खोने लगी वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद यही है प्यार शायद यही है प्यार
तू ही मेरी रौशनी है तू ही चिराग है.. धीरे धीरे मिट जाएगा हल्का सा दाग है यह ज़हर भी यूँ पीया है जैसे शराब हो.. वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद यही है प्या
बातें कुछ अनकहे सी वो.. कुछ अनसुनी से होने लगी क़ाबू दिल पे रहा न हस्ती हमारी खोने लगी वो.. वो.. वो.. ो.. वो.. ो.. शायद यही है प्यार शायद यही है प्यार