भगन के रेखन की बहांगिया एक विवाह गीत है जिसे मालिनी अवस्थी और रघुबीर यादव ने गाया है, जिन्होंने इसे खूबसूरती से सुंदर तरीके से गाया था। यह संगीतकार सचिन जिगर द्वारा एक महान रचना है। भगन के गीत के गीत उत्कृष्ट हैं।
इस्साक (Issaq )
भगण के की लिरिक्स (Lyrics Of Bhagan Ke )
भगण के ो
भगण के रेखन की बहँगिया बहँगी लचकत जाए बहँगी लचकत जाए क्ष (२)
भेजो रे काहे बाबा हमका पीहर से बिटिया से बन्नी बांके कहाँ पहुंचाये सहा भी न जाए
बचपन से पाले अइसन बिटिया काहे बहियाँ के पलना झुलाये खुसियां के रास मन में काहे रे बाबा तुमने बरतिया लियो बुलवाये काहे डोली बनवाये अम्मा मड़वा छवाये चले सी
सूरज सा चमकेगा मोर मुकुट पहनेगे राजा बनके चलेगा बनना हमारा रे जीजा को न पूछेगा अरे फूफा को न लाएगा मां को लूटेगा चाचा खिसिआयेगा बहनों को ठुमका लगाता ल
सोनवा सा पियर बिटिया सुन ले तोरे निकृत ही निकरे न जान बिटिया के बाबा से न पूछो रे मड़वा के कइसन होला बिहान चले चलेंगे कहार मैय्या आंसुआं की धार बन्नी रो रो के