सागर से चेहर है या चंद खिल है के गीत: यह किशोर कुमार द्वारा आरडी बर्मन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। चेहर है या चंद खिलला है गीतों को जावेद अख्तर ने खूबसूरती से लिखा है।
सागर (Sagar )
चेहरा है या चाँद खिला है (Chehra Hai Ya Chand Khila Hai ) की लिरिक्स (Lyrics Of Chehra Hai Ya Chand Khila Hai )
चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली यह तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली यह तो बता तेरा नाम है क्या
अरे तू क्या जाने तेरी खातिर कितना है बेताब यह दिल तू क्या जाने देख रहा है कैसे कैसे ख्वाब यह दिल दिल कहता है तू है यहाँ तो जाता लम्हा थम जाए वक़्त का दरिया बह
हो आज मैं तुझसे दूर सही और तू मुझसे अनजान सही तेरा साथ नहीं पाऊँ तो खैर तेरा अरमान सही हो यह अरमान हैं शोर नहीं हो ख़ामोशी के मेले हैं इस दुनिया में कोई न
चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली यह तो बता तेरा नाम है क्या