अमर प्रेम से चिंगारी कोई भड़के गीत: यह किशोर कुमार द्वारा आरडी बर्मन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। चिंगारी कोई भड़के के गीत आनंद बक्षी द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
अमर प्रेम (Amar Prem )
पतझड़ जो बाग़ उजाड़े वह बाग बहार खिलाये जो बाग बहार में उजड़े उसे कौन खिलाए हो उसे कौन खिलाए
हमसे मत पूछो कैसे मंदिर टूटे सपनो का हमसे मत पूछो कैसे मंदिर टूटे सपनो का लोगों की बात नहीं है यह किस्सा है अपनों का कोई दुश्मन ठेस लगाए तो मीत जिया बे
न जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते न जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते पीते हैं तो ज़िंदा हैं न पीते तो मर जाते दुनिया जो प्यासा रक्खे तो मदिरा प्यास बू
मन तूफान के आगे नहीं चलता ज़ोर किसी का मन तूफान के आगे नहीं चलता ज़ोर किसी का मौजों का दोष नहीं है यह दोष है और किसी का मझधार में नैया डोले तो मांझी पार