फिल्म हवा हवावाई के चुले के अंगारेरी गीत अमोल गुप्ते द्वारा लिखे और लिखे गए हैं। जावेद अली ने इस गाने को उत्कृष्टता से गाया है।
हवा हवाई (Hawaa Hawaai )
चूल्हे के अंगारे की लिरिक्स (Lyrics Of Choolhe Ke Angaarey )
चूल्हे के अंगारे जैसे पहले तड़पाते हाथों को तब नसीब रोटी होती है
चूल्हे के अंगारे जैसे पहले तड़पाते हाथों को तब नसीब रोटी होती है जीवन सार यही है मनवा तू कर
चूल्हे के अंगारे जैसे पहले तड़पाते हाथों को तब नसीब रोटी होती है जीवन सार यही है मनवा तू कर