Dekha Ek Khwab To Ye Silsile Hue lyrics from Silsila is sung by Lata Mangeshkar and Kishore Kumar and written by Javed Akhtar. Music of Dekha Ek Khwab To Ye Silsile Hue is composed by Shiv-Hari.
सिलसिला (Silsila )
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए (Dekha Ek Khwab to Ye Silsile Hue ) की लिरिक्स (Lyrics Of Dekha Ek Khwab to Ye Silsile Hue )
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए क्ष (२)
ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हों दरमियाँ तो फसले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए
मेरी साँसों में बसी खुश्बू तेरी ये तेरे प्यार की है जादूगरी तेरी आवाज़ है हवाओं में प्यार का रंग है फिजाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए फूल भी हों दरमियाँ तो फसले हुए
मेरा दिल है तेरी पनाहों में ा छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में तेरी तस्वीर है निगाहों में दूर तक रोशनी है राहों में कल अगर न रौशनी के काफिले हुए प्यार के हज़ार
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हों दरमियाँ तो फसले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए