ढले ये शाम चाले ये जाम गीत श्रीनिवास अंजनप्पा की फिल्म रंग-ए-इश्क से मुजाहिद खान, कविता किरण और दीपक कुमार अभिनीत हैं। यह ट्रैक सुप्रिया रामलिंगहम द्वारा गाया जाता है।
रंग-इ-इश्क़ (Rang-E-Ishq )
ढले यह शाम चले यह जाम (Dhale Yeh Shaam Chale Yeh Jaam ) रंगकी लिरिक्स (Lyrics Of Dhale Yeh Shaam Chale Yeh Jaam )
येह वू..!
ढले यह शाम चले यह जाम जले तन रात में खिले यह जिस्म मिले बस तुझमे जले हर सांस में तेरी रूह में मैं बस गई तेरी ख़ामोशी मुझे दस् गई पाने की चाह में
बहकी हुई सी शाम में खामोशियों के जाम में मेरे इश्क़ के पैग़ाम में तेरी जान के इलज़ाम में तुझे प्यार दूँ या मार दूं कुछ सांसें उधर दूँ पाने की आस में ढले य
खोया खोया सा होश है धड़कन भी खामोश है जिस्म भी मदहोश है यह दर्द दिल का दोष है इस रात में तेरे साथ में जज़्बात की बरसात में मैं खुद को उतार दूँ
ढले यह शाम चले यह जाम जले तन रात में खिले यह जिस्म मिले बस तुझमे जले हर सांस में तेरी रूह में मैं बस गई तेरी ख़ामोशी मुझे दस् गई पाने की चाह में