दिल की कलाम से गीत इटिहास (1 99 7) समीर द्वारा लिखे गए हैं, यह दिलीप सेन-समीर सेन द्वारा रचित है और हरिहरन और अल्का याज्ञिक द्वारा गाया गया है।
इतिहास (Itihaas )
दिल की कलम से नया लिखेंगे (टाइटल सांग)की लिरिक्स (Lyrics Of Dil Ki Kalam Se )
दिल की कलम से चाहत का हम पहला एहसास लिखेंगे
दिल की कलम से चाहत का हम पहला एहसास लिखेंगे
हो ख़्वाबों में रहते हैं पलकों में घर है हमारा अम्बर पे चमकेगा अपनी वफ़ा का सितारा इन आसमानों में ऊंची अपनी तो परवाज़ है रोके कभी न रुकेगी धड़कन की आवाज इस प
हो सीने पे सर रख के सोने को जी चाहता है न जाने क्यों मिलके रोने को जी चाहता है हाँ हम दोनों आशिक़ी में हद से गुजरने लगे हैं साँसों की गलियों से होके जान में
दिल की कलम से चाहत का हम पहला एहसास लिखेंगे