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इतिहास

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कांप गए सब वायवीय, कांपी धरती पाताल गगन l     खींच रहे थे दुष्ट हाथ, कांपे कुरुओ के विचलित मन ll भीष्म, द्रोण, कृप नर से नर, अंधों के अंधे ठगे रहे l वे बलशाली, वे धनुधारी, वे समय चक्र को रहे सहे ll

गणित और मापन के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है। इसलिये आश्चर्य नहीं कि भारत में अति प्राचीन काल से दोनो का साथ-साथ विकास हुआ। लगभग सभी प्राचीन भारतीय ने अपने दैनिक-ग्रन्थों में मापन, मापन की इकाइयों एवं मापनयन

हे आर्य पुत्र,? हे ज्ञान पुंज,? यह प्रश्न हमारा है तुम से,? जब ज्ञानी बन कर ज्ञान बांटना, लक्ष्य यहीं है मालूम था? तब गठं बन्धन का बंधन क्यों, लेना तुमने स्वीकार किया?? जब बंध ही गए थे बन्धन में तब बं

14 अप्रैल 2022      गुरुवारसमय 11:30 (रात)मेरी प्यारी सखी,14 अप्रैल 1944 को मोइरांग के युद्ध में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आजाद हिन्द फौज ने पुलिस पोस्ट से यूनियन जैक उतार

*बाबा साहेब का असली मिशन*डा भीम राव अंबेडकर की जयंती पर नमन! बाबा साहेब के कुछ बुद्धजीवी अंधभक्त बाबा साहेब को बगैर पढ़े उनकी मूर्ती के गले या पोस्टर पर माला चढ़ा कर जय भीम, जय-जय भीम बोल कर अपना दायित्

क्रान्तिकारी साथियों,       समाज में जब निजी सम्पत्ति नहीं थी तो कोई वर्ग नहीं था अर्थात कोई अमीर-गरीब नहीं था, कोई ऊँच-नीच नहीं था बराबरी थी। ऊँच-नीच, अमीर-गरीब निजी सम्पत्ति के ब


समानता के बिना स्वतंत्रता नहीं आ सकती है, 
और समानता के बिना बंधुत्व नहीं हो सकता है
 समानता, स्वतंत्रता और बंधुता एक दूसरे की 
पूरक है

अप्रैल माह में  मैं अपनी डायरी आत्ममंथन में कुछ इतिहास की, कुछ समाज की और कुछ अपने मन की बेबाक बातें करने की कोशिश करूंगी मैं इसमें कहां तक सफल हो पातीं हूं इसका निर्णय मैं अपने आदरणीय विद्वान पा

पंचम शक्ति स्कंद माताश्रुति और समृद्धि से युक्त छान्दोग्य उपनिषद के प्रवर्तक सनत्कुमार की माता भगवती का नाम स्कंद है। उनकी माता होने से कल्याणकारी शक्ति की अधिष्ठात्री देवी को पांचव दुर्गा स्कंदम

तृतीय शक्ति चंद्रघंटाशक्ति के रूप में विराजमान चंद्रघंटा मस्तक पर चंद्रमा को धारण किए हुए है। नवरात्र के तीसरे दिन इनकी पूजा-अर्चना भक्तों को जन्म-जन्मांतर के कष्टों से मुक्त कर इहलोक और परलोक में कल्

ख़ुदा से दुआ में बफा माँगता हूँ मिले ना उसे ग़म दुआ माँगता हूँ मुझे छोड़ कर जो यहाँ से गया है मगर में उसी का पता माँगता हूँ हमारी खता थी सताया सनम को खताओं कि अपनी सज़ा माँगता हूँ निगाहें पलक को झुकाती

किसी नगर में एक पराक्रमी राजा राज्य करता था। राजा बहुत दयालु स्वभाव का था। अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखता था। प्रजा भी अपने राजा से बहुत खुश थी। राजा की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई थी वह  जरूरतमंद

समानता के बिना स्वतंत्रता नहीं आ सकती है, और समानता के बिना बंधुत्व नहीं हो सकता है समानता, स्वतंत्रता और बंधुता एक दूसरे की पूरक हैं,समानता का अर्थ= राजनैतिक,सामाजिक ,आर्थिक और शैक्षणि

डा अम्बेडकर ने कहा था,,मुट्ठी भर लोगो द्वारा बहुसंख्यक जनता का शोषण इसलिए संभव हो रहा है की पैदावार के संसाधन ,जैसे जल ,जंगम ,जमीन, खादान, उद्योग धंधों ,कल कारखानों, यातायात के संसाधान,बैंक इत्यादि पर

"वर्धनोरा राज्य" ― ------------------------------------------------------        वर्धनोरा राज्य राजस्थान में उत्तरी अक्षांश २६.११' और २५.२३' तथा पूर्वी देशान्तर ७३.५७, ३०' और

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है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधरऔर हम तैयार है सीना लिये अपना इधरखून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार सेसर जो उठ जाते

पूर्वजों की कीर्ति गाथाएं,जो हमें पावन धर्म-कर्म की ओर उत्प्रेरित करे, उसे ही इतिहास कहते हैं !

तथागत बुद्ध का जन्म आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व लिंबनी वन में हुआ था ,,बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था,सिद्धार्थ को  जब ज्ञान की प्राप्ति हुई तब वे बुद्ध कहलाए, तथागत बुद्ध ने बहुजन हिताय बहुजन स

वो एक छोटी सी कविता ही थी  जो बीकानेर के राजा पृथ्वी सिंह ने  महाराणा प्रताप को भेजी थी  उस कविता ने महाराणा प्रताप का  वो सोया स्वाभिमान जगा दिया  और मेवाड़ के सूर्य महार

बचपन से देखता आया हूं। हम भारतीय बहु से सारी उपेक्षा रखते हैं । की वो हमारे हर आदेश को पूरा करे । लेकिन अपनी बेटी के ससुराल में हुऐ हर झगड़े में उसकी शास को जिम्मेदार मानते हैं, लेकिन बेटी को ये क्यों

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