अमर प्रेम से दोली मी बिथाई के कहहर गीत: यह आरडी बर्मन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एसडी बर्मन द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। गीत आनंद बक्षी द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
अमर प्रेम (Amar Prem )
डोली में बिठाई के कहार क्ष २ लाये मोहे सजना के द्वार हो डोली में बिठाई के कहर बीते दिन खुशियों के चार देके दुःख मन को हजार हो डोली में बिठाई के कहर
मर के निकलना था मर के निकलना था घर से सांवरिया के जीते जी निकलना पड़ा फूलों जैसे पाऊँ में पद गए यह छाले रे काँटों पे जो चलना पड़ा पतझड़ हो बन गयी प
जितने हैं आँसू मेरी हो जितने हैं आँसू मेरी अंखियों में उतना नदिया में नाही रे नीर हो लिखने वाले तूने लिख दी यह कैसी मेरी टूटी नैया जैसी तक़दीर रूठा माझी
टूटा पहले यह मन हो टूटा पहले मन अब चूड़ियाँ टूटी हुए सारे सपने यूँ चूर कैसा हुआ धोखा आया पवन का झोंका मिट गया मेरा सिन्दूर लुट गए