हम वही थी और सम रेंजन गीत चल्ती का नाम गादी से गीत: यह किशोर कुमार द्वारा एसडी बर्मन द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। हम द वही थी और सम रेंजन के गीत महारू सुल्तानपुरी द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।
चलती का नाम गाडी (Chalti Ka Naam Gaadi )
हम थे वह थी और समां रंगीन की लिरिक्स (Lyrics Of Hum The Woh Thi Aur Sama Rangeen )
हम थे वह थी
हम थे वह थी और समां रंगीन समझ गए न जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न हे याने याने याने प्यार हो गया
खोया मैं कैसे उसकी बातों में कहता हूँ दम तो लेने दो ा हा हा खोयी वह कैसे मेरी बातों में कहता हूँ दम तो लेने दो ा हा हा क्या क्या कह डाला आँखों आँखों में कहत
हम थे वह थी और समां रंगीन समझ गए न जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न हे याने याने याने प्यार हो गया ो मन्नू तेरा हुआ अब मेरा क्या होगा मन्नू तेरा
फूटे बुलबुले दो नैना फड़के उसने जब देखा मुद-मुद के वह वह वह जैसे कहती हों सुन रे ओ लड़के मैंने जब देखा मुद-मुद के वह वह वह फिर दोनों के दिल धक् धक् धक् धड़के दो
हम थे वह थी और समां रंगीन समझ गए न जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न हे याने याने याने प्यार हो गया ो मन्नू तेरा हुआ अब मेरा क्या होगा मन्नू तेरा
थोड़ा थोड़ा सा लम्बा लम्बा सा धीरे धीरे उसने खेंचा आ हा हा फिर उसका पल्लू बन के उसका दास धीरे धीरे मैंने खेंचा आ हा हा घबराहट में फिर अपना अपना हाथ उसने कहे
हम थे वह थी और समां रंगीन समझ गए न जाते थे जापान पहुँच गए चीन समझ गए न हे याने याने याने प्यार हो गया..