हवा हवावाई गीत अकोले गुप्ते की फिल्म हवा हवावाई है जो साकिब सलीम, पार्थो गुप्ते और प्रगति अभिनीत है। हावा हवाई शीर्षक गीत गाने अमोल गुप्ते द्वारा लिखे गए हैं, जबकि इसे हितेश सोनिक और स्वरुप खान द्वारा गाया जाता है।
हवा हवाई (Hawaa Hawaai )
(टाइटल सांग)की लिरिक्स (Lyrics Of Hawaa Hawaai (Title Song))
हवा हवाई
हो मतवाले मतवाले निकले तोड़ के सारे ताले निकले लाखों हज़ारों सपनों को बुनते हो मतवाले मतवाले निकले तोड़ के सारे ताले निकले लाखों हज़ारों सपनों को बुनते
भर ली उड़ान
हो मतवाले मतवाले निकले तोड़ के सारे ताले निकले लाखों हज़ारों सपनों को बुनते ऐ... हो मतवाले मतवाले निकले तोड़ के सारे ताले निकले लाखों हज़ारों सपनों को बुनते
हम सपनों की उड़ान तश्तरी देखो हवा कहाँ ले गयी मामूली बन्दे हैं मशालाह डबल ********* मखमली एकलौती यह अनोखी एक्सप्रेस चल पड़ी ो.. एकलौती यह अनोखी एक्सप्रेस
हवा हवाई
हो मतवाले मतवाले निकले अरे तोड़ के सारे ताले निकले हाँ.. लाखों हज़ारों सपनों को बुनते हे.. मतवाले मतवाले निकले तोड़ के सारे ताले निकले लाखों हज़ारों सपनों को बुनते
भर ली उड़ान
हवा हवाई