दाद इश्किया से जबायन जले है के गीत गुलजार द्वारा लिखे गए हैं। यह विशाल भारद्वाज द्वारा रचित एक सुंदर रोमांटिक गीत है और सुंदर फतेह अली खान द्वारा खूबसूरती से गाया गया है।
डेढ़ इश्किया (Dedh Ishqiya )
ज़बान जले है की लिरिक्स (Lyrics Of Zabaan Jale Hai )
न बोलूँ मैं तो कलेजा फुके - २ जो बोल दू तो ज़बान जले है सुलग न जाए अगर सुने वो सुलग न जाए अगर सुने वो जो बात मेरी जुबां ठाले है न बोलूँ मैं तो कलेजा फुके
लगे तो फिर यूँ के रोग लगे ना साँस आवे
हमारी हालत पे कित्ता रोवे है आसमान भी तू देख लीजो हमारी हालत पे कित्ता रोवे है आसमान भी तू देख लीजो के सुर्ख हो जाएं उसकी आंखें के सुर्ख हो जाएं उसकी आंखें भी